सोमवार, 7 नवंबर 2011

बक्र-ईद मुबारक


आज बक्र-ईद  है| हंसी ख़ुशी का माहौल है | कई  जगह  कुर्बान  किये  जाने  वाले  पशुओं का बाजार लगा है | पशु दुल्हे की तरह सजे धजे थे| लेकिन ख़ास बात ये देखने में आयी कि हजारों पशुओं में एक भी पशु, जिसमें बाल पशु भी थे, न रंभाता था ना मिमियाता था| वे आपस में सींग भी नहीं लड़ाते   थे न एक दुसरे को प्यार से चाटते थे |उनकी आँखों में एक गहरी उदासी थी, दहशत थी | पशुओं ने जरुर अपनी मौन भाषा में आपस में कह सुन लिया होगा कि आज जिंदगी का आखिरी दिन है | ये कैसा ख़ुशी का दिन है जिसमें बेवजह बेजुबान जानवरों को बेदर्दी से मारा जा रहा है|लेकिन जब जानवर कोई इन्सान को मारे .......|ये कैसा धर्म है ? ये धर्म है तो अधर्म क्या है ? अरे ओ धर्म धुरंधरों! अरे ओ अल्लाह  के बन्दों! रहम करो |ये कायनात अल्लाह की सारी नेमतों के रहने पर ही रह सकती  है|इनके बगैर ये जमीन इन्सान के रहने लायक न रहेगी | अपने स्वाद के लिये बेजुबान को मारना किसी बड़े गुनाह से कम नहीं है | अगर खुदा है तो इस गुनाह के लिये तुम्हें वो जरुर सजा देगा | अगर तुम्हें सजा नहीं मिलती है तो कोई खुदा नहीं है जिसकी इबादत  की जाये | क्यों न ऐसी इबादत, ऐसे दीन धर्म  से तौबा कर लें या उसके असली रूप पर अमल करें जो मौहब्बत और अमन  का पैगाम देता है | दीन हीन  की मदद करने को कहता है | पडोसी के दुःख दर्द में हाथ बंटाता है |
 
    सदर बाजार मेरठ में जदीशपुरम में मंदिर के पास कुरबानी के लिए दो ऊंट लाये गए | एक ऊंट की कुर्बानी दे दी गयी लेकिन दूसरा जान बचाकर भाग निकला | अखबार की खबर है कुर्बानी के लिए लाये गए ऊंट का उत्पात | अब ऊंट भला क्या उत्पात कर रहा है | आदमी उसकी जान ले रहा है और वह जानबचाकरभाग रहा है | क्या उसे ज़िंदा रहने का अधिकार नहीं है | उत्पात तो वो कर रहे हैं जो उसकी
जान के दुश्मन हैं | ये इन्सान नहीं शैतान हैं इनकी ऐसी कुर्बानी अजाब है गुनाह है |सही बात तो यह है की बन्दर और नीलगाय जैसे कुछ पशुओं के अलावा बाकी सारे पशु धीरे धीरे लुप्तप्राय प्राणियों की श्रेणी में
आ गए हैं इनके सरंक्षण की आवश्यकता है और जो इनकी हत्या करते हैं उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए |




































   

6 टिप्‍पणियां:

  1. आप संभवतः पहले प्रगतिशील हैं ,जिसने ऐसी खरी -खरी बात कहने का साहस किया .निर्मल गुप्त

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  2. Aar Ravi हर धर्म में सब ये ही कहते हैं मौत और जीवन ऊपर वाले के हाथ हैं मगर इन बातो को देखकर तो लगता हैं सब नीचे वाले के हाथ हैं ...अपने कर्मो को भूलने के लिए ऊपर वाले को हमने ही बनाया हैं किसी और ने नहीं ..चलिए इंसान जो सोचता हैं करता हैं ठीक ही सोचता होगा करता होगा ..आखिर इंसान जो हैं धरा का सर्वश्रेष जीव ...
    2 minutes a

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  3. कुछ सुह्रदय मित्र ब्लॉग पर टिपण्णी न करके फेस बुक या जी मेल पर ही टिप्पणी दे रहे हैं |उअनाका शुक्रिया पर मुझे अपने ब्लॉग से प्यार है और उनकी टिपण्णी भी महत्वपूर्ण है| इसलिए उनकी टिपण्णी मेरे द्वारा ब्लॉग पर दे दी गयी है |

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  4. Monday at 7:25pm · Like · 2

    Ashutosh Gupta · 5 mutual friends
    ‎"कर चले हम फ़िदा जान-ओ- तन साथियो,
    अब तुम्हारे हवाले मटन साथियो. "
    Monday at 8:44pm · Like · 3

    Jayesh Dave VERY NOBEL POST....
    Monday at 10:39pm · Unlike · 1

    Preeta Vyas · Friends with Aar Ravi and 2 others
    ये कैसा ख़ुशी का दिन है जिसमें बेवजह बेजुबान जानवरों को बेदर्दी से मारा जा रहा है........dharm ki aad me maut...kabhi kurbani, kabhi zihad....

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  5. Tanu Pandey Un sb logo k liye jo pashuo ki kurbani me vishwas krte ha . Vqt ha abi b rukjao. Jb ye prajatiya lupt hojayegi tb to swaym hi rukna hoga. Pb ab sukne or tb rukne me bhaut fark hoga. . . . . Plz stop all dt.
    8 hours ago · Unlike · 1

    Tanu Pandey Jara socho k yadi ye sb prajati lupt ho gai tb kya sher ki kurbani doge? Kyuk ap logo ko to kurbani dene ki sanak swar ha? Kr paoge aisa. . . . Khi aisa na ho k sher ki kurbani dete dete khud hi kurban ho jao tb shi maino me pta chlega k hoti kya ha kurbni or kitni zruri. .ha ye?
    8 hours ago · Like

    Tanu Pandey Thanx uncle ji.
    48 minutes ago · Like
    Amarnath Madhur हर तरह की हिंसा और अंधविश्वास के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करो |इसमें धर्म को बीच में न आने दो | विज्ञान के युग में धर्म के नाम पर अंधविश्वास नहीं किया जा सकता |
    5 minutes ago · Like

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  6. विकास कुमार said...
    साहब, ये हमारी खून मे है कि जो शान्ति से रह रह है उसे मार डलो.....
    हमारी जात जो है जिसे हम इन्सान कह्ते है वो वास्तव मे सबसे हरामी जात है ....
    मैने इन्सान से खतम जात आज तक नही देखी....

    अपने से कम्ज़ोर को देखते ही इस जात की सारी तकत बाहर आ जाती है.....

    माफ़ करें अगर किसी को मेरी बात से दुख पहुचता है तो.....
    लेकिन मै सही बता रहा हूँ कि इन्सान एक ऐसी जात है जिसके बारे मे कुछ भी कहा जए तो कम है....
    शर्म आती है मुझे कि मै इन्सानो की बिरादरी मे आता हूँ.....

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